Ganesh Chaturthi : श्री गणेश जी विघ्नहर्ता के रूप में भी जाना जाता है साथ ही इन्हें प्रथम पूज्य देवता की भी उपाधि प्राप्त हैं किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पहले श्री गणेश जी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य के प्रारंभ में श्री गणेश जी की पूजा करने से उस कार्य के विघ्न दूर हो जाते हैं और कार्य संपन्न हो जाते हैं.

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार श्री गणेश जी का जन्म भादो माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ. इसी के आधार पर भादो मास की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. यह त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी की एक अलग ही शोभा देखी जा सकती हैं यहां पर यह त्यौहार 10 दिनों तक चलता है.
Ganesh Chaturthi 2022
2022 में Ganesh Chaturthi का त्योहार 31 अगस्त 2022 बुधवार को मनाया जाएगा देश के विभिन्न हिस्सों में यह त्यौहार अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है जैसे महाराष्ट्र में यह त्यौहार 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी महाराज की प्रतिमा के विसर्जन के बाद इस त्यौहार का समापन किया जाता है
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती हैं?
हिंदू शास्त्रों के अनुसार भादो मास की चतुर्दशी को श्री गणेश जी का जन्म हुआ था तब से भादो मास की चतुर्दशी को श्री गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है साथ ही हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले गणेश जी की पूजा करना अनिवार्य है हिंदू धर्म की आस्था है कि किसी भी कार्य को सफल बनाने के लिए श्री गणेश जी की पूजा की जाती है. और इसके अलावा गणेश जी को सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है जिसके कारण गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए साल में एक बार गणेश चतुर्थी के दिन पूजा की जाती हैं
गणेश चतुर्थी के शुभ मुहूर्त?
हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले उसके शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा की जाती हैं क्योंकि किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए उसके लिए शुभ मुहूर्त का होना अनिवार्य है. इसलिए आज हम आपको बताएंगे Ganesh Chaturthi के दिन गणेश जी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है. जिससे कि आप श्री गणेश जी को प्रसन्न कर सकते हैं.
गणेश चतुर्थी 31 अगस्त 2022 के शुभ मुहूर्त
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- लाभ समय दोपहर 2:17 मिनट से 3:52 मिनट तक
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- शुभ समय सुबह 7:58 मिनट से 9:30 मिनट तक
वही शाम का मुहूर्त है 6:54 pm से 8:20 pm
31 अगस्त 2022 को श्री गणेश जी की मूर्ति स्थापना का समय इस प्रकार हैं
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- अमृत समय 3:53 PM To 5:17 PM
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- शुभ समय 9:32 AM To 11:06 AM
अगर आप गणेश जी की पूजा शुभ मुहूर्त पर करना चाहते हैं तो यह समय 11:25 AM से लेकर 1:54 PM के बीच हैं. इस समय को गणेश जी की पूजा के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है
गणेश चतुर्थी मुख्य मंत्र क्या है?
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटी समप्रभ,
निर्विघ्नम कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा II
गणेश चतुर्थी की पूजा विधि
हिंदू शास्त्रों में गणेश चतुर्थी की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती हैं इसके लिए सबसे पहले सुबह-सुबह नहा धोकर लाल कपड़े पहने जाते हैं कहा जाता है कि लाल कपड़े भगवान श्री गणेश जी को अति प्रिय है पूजा के दौरान श्री गणेश जी का मुख उत्तर या पूर्व की दिशा में रखा जाता है।
इसके बाद पंचामृत से श्री गणेश जी का अभिषेक किया जाता है पंचामृत में सबसे पहले दूध दही घी शहद और अंत में गंगाजल से उनका अभिषेक किया जाता है इसके बाद गणेश जी पर रोली और कलावा चढ़ाया जाता है और उस पर सिंदूर से लेप किया जाता है.
उसके बाद रिद्धि सिद्धि के रूप में श्री गणेश जी पर सुपारी और पान चढ़ाए जाते हैं फिर फल पीला कनेर दूब फूल आदि चढ़ाए जाते हैं. उसके बाद उनकी सबसे प्रिय मिष्ठान मोदक का भोग लगाया जाता है. भोग लगाने के बाद सभी लोग गणेश जी की आरती करते हैं और उनके 12 नामों का उच्चारण करते हैं.
इस तरीके से आप पूरे विधि विधान से गणेश जी की पूजा कर सकते हैं
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गणेश चतुर्थी के अनुष्ठान
गणेश चतुर्थी के मुख्य रूप से चार अनुष्ठान होते हैं जो कि इस प्रकार हैं.
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- प्राणप्रतिष्ठा – इस प्रक्रिया में भगवान को मूर्ति में स्थापित किया जाता है.
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- क्षड़ोपचार – इस प्रक्रिया में गणेश जी के 16 रूपों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है.
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- उत्तरपूजा – इस पूजा के उपरांत मूर्ति को कहीं भी ले जाया जा सकता है.
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- गणपति विसर्जन – इस प्रक्रिया में मूर्ति को नदी या किसी पानी वाले स्थान में विसर्जित किया जाता है.
गणेश चतुर्थी कब मनाई जाती हैं?
श्री गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती हैं यह समय अगस्त और सितंबर के बीच का होता है. यह मौसम काफी सुहाना और मन मोह लेने वाला होता है क्योंकि इन महीनों में मानसून अपने अंतिम पड़ाव पर होते हैं. हिंदुओं में यह तो हार बड़ी उत्साह के साथ मनाया जाता है यह त्यौहार पूरे देश में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है कुछ जगह पर गणेश चतुर्थी के दिन विशाल मेला लगता है और कई जगहों पर इस दिन गणेश जी की प्रतिमा को अपने घर में विराजमान किया जाता है और 10 दिनों तक उसकी पूजा की जाती है तथा 11 दिन अनंत चतुर्दशी को श्री गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन कर के इस त्यौहार का समापन किया जाता है.
श्री गणेश जी की मूर्ति की स्थापना से लेकर उसके विसर्जन तक के समय में हर रोज गणेश जी की प्रतिमा को स्वादिष्ट व्यंजनों से भोग लगाया जाता है तथा हर रोज गणेश जी की आरती की जाती हैं. श्री गणेश जी से परिवार की सुख समृद्धि की कामना की जाती है.
FAQ About Ganesh Chaturthi
Q.1 किस महापुरुष ने गणेश चतुर्थी को एक सार्वजनिक उत्सव घोषित किया?
Ans. लोकमान्य तिलक जी ने गणेश चतुर्थी को एक सार्वजनिक उत्सव के रूप में घोषित किया.
Q.2 भारत में मुख्य रूप से गणेश चतुर्थी कहां मनाई जाती है?
Ans. भारत के महाराष्ट्र राज्य में गणेश चतुर्थी को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.
Q.3 क्या गणेश चतुर्थी केवल भारत में ही मनाई जाती है?
Ans. नहीं गणेश चतुर्थी भारत के अलावा थाईलैंड, कंबोडिया, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, नेपाल, और चाइना में भी मनाई जाती है.
तो आशा करता हूं दोस्तों आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी आज हमने जाना कि गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है. और इसके पीछे का उद्देश्य क्या है और साथ ही हमने जाना कि गणेश चतुर्थी के शुभ मुहूर्त क्या है और यह कब मनाई जाती है. अगर आपको आर्टिकल से संबंधित कोई डाउट है या अन्य कोई जानकारी आप पाना चाहते हैं तो प्लीज हमें कमेंट में जरूर बताइए हम आपका रिप्लाई करने की पूरी कोशिश करेंगे धन्यवाद!