Hindi Diwas: जैसा कि आप सब को पता ही होगा कि भारत में विविधताओ भरा देश हैं यहां पर 22 भाषाओं से भी अधिक क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती हैं, और किसी एक भाषा को राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए हमेशा से यहां पर मतभेद रहा है, भारत में दक्षिण क्षेत्र के कई राज्य ऐसे हैं जहां पर इंग्लिश और क्षेत्रीय भाषा बोली जाती है, इसी कारण वहां की सरकार हिंदी भाषा में ज्यादा रुचि नहीं लेती है.

आजादी से लेकर अब तक देश में राष्ट्रीय भाषा का मुद्दा समय-समय पर उठता रहा है नीचे दिए गए ग्राफ के अनुसार आप देख सकते हैं कि भारत में भाषाओं की विविधता किस प्रकार से हैं.
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राष्ट्रभाषा के फायदे: देश की एकता बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि लोगों को एक किया जाए और इसके लिए सबसे बड़ा योगदान उनकी भाषा का होता है अगर यह भाषा हर राज्य में एक ही होती तो लोग बड़ी आसानी से एक दूसरे राज्य के लोगों से आसानी से बात कर सकते थे साथ ही एक राज्य से दूसरे राज्य मैं व्यापार करने के लिए उन्हें काफी हद तक सहायता मिलती.
हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
दोस्तों हिंदी भाषा जो है देश में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली एक मात्र भाषा है साथ ही इसे राज्य भाषा का भी दर्जा प्राप्त है, इसीलिए मातृ भाषा के रूप में हिंदी भाषा को जाना जाता है, और हिंदी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य भी हिंदी भाषा से ही जुड़ा हुआ है.
भारत में जब से हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिला है तब से इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है हिंदी दिवस मनाने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा को अधिक बढ़ावा देना एवं प्रचार करना है, तथा अधिक से अधिक राज्यों तक इस भाषा को फैलाना है जिससे एक राज्य के लोग दूसरे राज्य के लोगों से बड़ी आसानी से बातचीत कर सकें तथा राष्ट्र हित में अपनी भागीदारी दे सकें
देश में आज भी बहुत सारे कार्यालय दफ्तर और सरकारी विभाग हैं जहां पर हिंदी भाषा का पूर्ण रूप से उपयोग नहीं किया जाता, क्योंकि ऐसी जगह पर वहां की अपनी क्षेत्रीय भाषा या अंग्रेजी भाषा का ही प्रयोग किया जाता है तो हिंदी दिवस का उद्देश्य यह है कि सरकार के सभी कार्य क्षेत्रीय भाषा या अंग्रेजी भाषा के बिना देश की राजभाषा हिंदी के द्वारा भी संपन्न किए जा सकते हैं और राष्ट्रीय एकता में अपनी भागीदारी भी दे सकते हैं
हिंदी दिवस क्या है?
भारतवर्ष में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा हिंदी को जिस दिन राज्य भाषा का दर्जा मिला उस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है, इससे देश के कुछ राज्य तो बहुत खुश थे लेकिन दक्षिण भारत के कुछ राज्य मैं इसके लिए विरोध प्रदर्शन देखे गए क्योंकि वहां पर हिंदी भाषा को इतनी तवज्जो नहीं दी जाती और यह लोग किसी भी हालत में हिंदी भाषा को अपनाने को तैयार नहीं थे. लेकिन विभिन्न परेशानियों के बाद भी हिंदी को राजभाषा का दर्जा दे दिया गया.
हिंदी दिवस को देशभर में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है इस दिन सरकारी विभाग स्कूल कॉलेजों में हिंदी भाषाओं में निबंध, कविताएं, वाद-विवाद, गीत आदि प्रति प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं साथ ही हिंदी भाषा में रचित कई प्रकार की रचनाओं को भी सम्मानित किया जाता है.
लेकिन कई सारे प्रयासों के बाद भी हिंदी भाषा को एक राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है यह एक राजभाषा बनकर ही रह गई है आज भी देश में कई सारे सरकारी कार्यालयों विद्यालयों में वहां की क्षेत्रीय भाषा या फिर विदेशी भाषा अंग्रेजी में ही सारे कार्य किए जाते हैं और यह हमारे देश के लिए बड़ी शर्म की बात है.
हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?
भारत में हिंदी दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है क्योंकि 14 सितंबर 1949 को ही हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिला तब से लेकर आज तक 14 नवंबर को ही हिंदी दिवस मनाया जाता है, यह निर्णय देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिया गया है साथ ही सर्वप्रथम हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया.
14 सितंबर 1949 को संविधान के निर्माताओं ने एक निर्णय लिया कि हिंदी भाषा को भारत की राजभाषा घोषित कर दी जाए इसके लिए भारत के संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 343 (1) में कहा गया है कि भारत की राजभाषा हिंदी और देवनागरी लिपि होगी और अंग्रेजी भाषा को हटा दिया जाए जिसके कारण देश के कई इलाकों में दंगे होने लगे.
हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य?
हिंदी दिवस मनाने के पीछे एक एकमात्र मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा की लोकप्रियता को बढ़ाना है साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी भाषा को सम्मान दिलाना भी है और ऐसा तब ही संभव हो सकता है जब संपूर्ण भारत हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में अपनाएं.
हिंदी दिवस मनाने के पीछे एक उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करना भी हैं और इसकी विशेषताओं को जन-जन तक पहुंचाना भी है हिंदी भाषा एकमात्र ऐसी भाषा है जो किसी भी अर्थ को सटीक रूप से प्रस्तुत करने के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं.
भारत देश में आज लगभग 77% लोग हिंदी लिखते हैं समझते और पढ़ते हैं अतः कहा जाए तो हिंदी भाषा देश की एक मुख्य भाषा है लेकिन आज भी इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है इसके पीछे का मुख्य कारण लोगों की मानसिकता है उनका मानना है कि अंग्रेजी भाषा पढ़ना सीखना ही किसी व्यक्ति को सफल बना सकता है. और ऐसा कई हद तक सही भी है क्योंकि कई सारे सरकारी स्कूल दफ्तर और कार्यालयों में नौकरी पाने के लिए भी अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना अनिवार्य है.
हिंदी दिवस की विशेषताएं
14 सितंबर को मनाया जाने वाला हिंदी दिवस हिंदी प्रेमी लोगों के लिए एक खास दिन होता है यह दिन हमें अपनी भाषा और संस्कृति से अवगत कराता है साथ ही हिंदी भाषा के महत्व को आने वाली पीढ़ियों को बताना होता है.
हिंदी भाषा को एकमात्र राजभाषा कहना अपितु भारत की पहचान कहना भी गलत नहीं होगा क्योंकि भारत में हिंदी भाषा का इतिहास हजारों साल पुराना है हिंदी भाषा के अंतर्गत ही कई सारे राजाओं की जीवनी और आत्मकथा लिखी गई हैं साथ ही कई सारे प्रसिद्ध उपन्यास भी हिंदी साहित्य द्वारा ही रचित किए गए हैं जिसे हमें हर भारतीय को बताना हैं
हिंदी दिवस कैसे मनाया जाता है?
14 सितंबर यानी कि हिंदी दिवस इस दिन कई सारे स्कूल कॉलेजों और संस्थानों में हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है. इन हिंदी भाषा में कविता निबंध वाद-विवाद लेखन आदि प्रतियोगिताएं की जाती हैं. इस दिन कई सारी जगह पर कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाता है और हिंदी भाषा में कविता का वाचन किया जाता है. साथ ही लोगों को हिंदी भाषा के महत्व को भी समझाया जाता है
हिंदी दिवस के दिन कई सारे पुरस्कारों का भी वितरण किया जाता है और हिंदी में ख्याति प्राप्त लोगों को सम्मान किया जाता है, राजभाषा गौरव और राजभाषा कीर्ति पुरस्कार हिंदी दिवस के दिन ही दिए जाते हैं
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